यथार्थ के
धरातल पर
जब उतरता हूँ
तुम
एक स्वप्न बन जाती हो
और
सपनों में एक हकीकत ।
मुझे
डूबने दो
सपनों में;
तुम एक हकीकत बनी रहो ।।
बुधवार, 27 जनवरी 2016
हकीकत
मंगलवार, 26 जनवरी 2016
सपने
वह
दूर
जो आम का पेड़ है
उसकी फुनगी पर
बसते हैं
सपने
जो
वासंती बयार पा
कोयल की कूक सुन
जीवित हो उठते हैं
लेकिन
तुम तक पहुंचने से पहले ही
ईंट भट्टों का काला धुआं
पेड़ों को लगता है डसने
और
वे सपने
अपने बसेरे की रक्षा करने
रास्ते से ही लौट पड़ते हैं ।।
सोमवार, 4 जनवरी 2016
पत्थर की लकीर
आत्मा ने कुछ कहा
आपने सुना ।
पत्थर का निमन्त्रण
पत्थर की परम्परा ।।
आत्मा ने कुछ कहा
आपने सुना ।
वक्त गुजरता जाता
काल अपने निशान छोड़ता जाता ।।
आत्मा ने कुछ कहा
आपने सुना ।
दिल में हौले से उतरता है
दिमाग में नहीं ।।
पत्थर का निमन्त्रण
पत्थर की परम्परा ।।
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