हृदय से फूटा कंठ से निकला अधरों पर छलकता आदिम राग ।
संभावना है अभी भी संभावना है अपने भविष्य पर मुस्कुराता वर्तमान है ।
सफर में कांटे अनगिन जरा संभाल यह समय खण्डित ।
काफी नहीं अपनी गाथा उसकी भी सुन ।
पसरा पतझड़ मध्य वसंत ।
संभावना है ।।