सोमवार, 9 नवंबर 2020

उज्ज्वल आशा

उज्ज्वल भविष्य की आशा

जिनने आशा और उत्साह का स्वभाव बना लिया है वे उज्ज्वल भविष्य के उदीयमान सूर्य पर विश्वास करते हैं। ठीक है, कभी−कभी कोई बदली भी आ जाती है और धूप कुछ देर के लिए रुक भी जाती है पर बादलों के कारण क्या सूर्य सदा के लिए अस्त हो सकता है? असफलताऐं और बाधाऐं आते रहना स्वाभाविक है उनका जीवन में आते रहना वैसा ही है जैसा आकाश में धूप−छाँह की आँख मिचौली होते रहना। कठिनाइयाँ मनुष्य के पुरुषार्थ को जगाने और अधिक सावधानी के साथ आगे बढ़ने की चेतावनी देती जाती है। उनमें डरने की कोई बात नहीं। आज असफलता मिली है, आज प्रतिकूलता उपस्थित है, आज संकट का सामना करना पड़ रहा है तो कल भी वैसी ही स्थिति बनी रहेगी, ऐसा क्यों सोचा जाय? आशावादी व्यक्ति छोटी−मोटी असफलताओं की परवाह नहीं करते। वे रास्ता खोजते हैं और धैर्य, साहस, विवेक एवं पुरुषार्थ को मजबूती के साथ पकड़े रहते हैं क्योंकि आपत्ति के समय में  यही चार सच्चे मित्र बताये गये हैं।

✍🏻 पं श्रीराम शर्मा आचार्य

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